छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का इतिहास

 दोस्तों 1 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश से अलग करके नया राज्य बनाया गया " छत्तीसगढ़ " आज छत्तीसगढ़ राज्य को बने लगभग 24 साल हो चुके है लेकिन आज भी हमें छत्तीसगढ़ निर्माण का इतिहास आधा अधुरा ही बताया जाता है कोई कहता है 18 - 18 गढ़ को मिलाकर छत्तीसगढ़ बनाया गया, तो कोई कहता है पूरे 36 गढ़ होने की वजह से राज्य का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा l ये सब कुछ हद तक सही भी है लेकिन पूरी तरीके से सच नहीं है इसे janral knowlege के लिए उपयोग किया जा सकता है, यहाँ अटलबिहारी बाजपेयी को छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में बहुत बड़ा योगदान बताया जाता है लेकिन यहाँ उन लोगो के बारे में कोई बात नहीं करता जो  छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए पहले संघर्ष कर चुके है, छत्तीसगढ़ की मांग को लेकर आवाजे उठाये थे आइये जानते है छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का सम्पूर्ण इतिहास 


छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का इतिहास
छत्तीसगढ़ की सम्पूर्ण इतिहास
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             छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का इतिहास 

छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का सम्पूर्ण इतिहास :-

दोस्तों असल में मध्यप्रदेश का निर्माण भी नहीं हुआ था उससे भी कई साल पहले से "छत्तीसगढ़ बनाओ आन्दोलन "शुरू हो चुका था, आज से 163 साल पीछे चलते हैं, 2 नवंबर 1861 में मध्य प्रांत का गठन किया गया जिस समय छत्तीसगढ़ सिर्फ एक जिला हुआ करता था जिसका राजधानी रायपुर था ।

इसके अगले ही साल सन 1862 में मध्य प्रांत के अंतर्गत 5 नए डिवीजन बनाए गए ( रायपुर, छत्तीसगढ़,सागर संबलपुर और कोरिया) छत्तीसगढ़ डिवीजन में तीन नए जिले बनाए गए ( रायपुर, बिलासपुर और संबलपुर )

उसके 33 साल बाद सन 1905 में संबलपुर जिला को छत्तीसगढ़ से निकलकर बंगाल डिवीजन में मिला दिया गया। यही वह साल था जब छत्तीसगढ़ का पहला मैप  बनने के साथ-साथ उदयपुर चंगभाखर सूरजपुर और कोरियर रियासत को मैप में शामिल किया गया था।

उसके 23 साल बाद सन 1918 में पंडित सुंदरलाल शर्मा संकल्प के साथ कहते  हैं " हम नया राज्य छत्तीसगढ़ बनाएंगे " । और पंडित सुंदरलाल शर्मा अपने हाथ से पांडुलिपि में छत्तीसगढ़ का मैप बनाएं ।

कांग्रेस पार्टी के लोग सन 1924 में रायपुर जिला परिषद में नया राज्य बनाने का प्रस्ताव रखे, यह पहली बार था कि किसी कि किसी पार्टी के द्वारा गवर्नमेंट के सामने प्रस्ताव रखा गया।

कांग्रेस त्रिपुरा अधिवेशन के दौरान 15 साल बाद 1939 में पंडित सुंदरलाल शर्मा नया राज्य बनाने का पहला प्रस्ताव रखें
इसके 7 साल बाद ठाकुर प्यारेलाल सिंह के द्वारा सन 1946 में छत्तीसगढ़ विरोधी मंच का निर्माण किया गया जिसके जरिए लोग अपनी आवाज़ उठा सके इसी के अगले साल 15 अगस्त 1947 को भारत देश अंग्रेजों के हुकूमत से आजाद हुआ तब छत्तीसगढ़ मध्य प्रांत और बाबर का हिस्सा बन गया ।

फजल अली 1953 में भाषा के आधार पर राज्य पुनर्गठन आयोग के सामने नए राज्य बनाने की अपील किए, लेकिन इस अपील को अस्वीकार नहीं किया गया ।

उसी के 2 साल बाद रायपुर के विधायक रामकृष्ण सिंह सन 1955 में मध्य प्रांत विधानसभा में जाकर अपील किया, यह पहला नेता था जो किसी विधानसभा में जाकर अपील किया था। इसके अगले साल 1 नवंबर सन 1956 को मध्य प्रदेश का निर्माण किया गया इस समय छत्तीसगढ़ जिलों के रूप में बात हुआ था, लेकिन वही खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ निर्माण को लेकर कोशिश में लगे हुए थे, इन्होंने छत्तीसगढ़ महासभा और छत्तीसगढ़ ब्रदरहुड यूनियन की निर्माण की ।

शंकर गुहा नियोगी 9 साल बाद सन 1976 में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का गठन की और सन 1983 में छत्तीसगढ़ संग्राम मंच और पवन दीवान के द्वारा पृथक छत्तीसगढ़ पार्टी बनाया गया लेकिन इन सभी संगठन का असर मध्य प्रदेश सरकार पर नहीं हो पा रहा था जिसके कारण महेश तिवारी उन सभी संगठन के लोगों को एक जगह बुलाये, जो अपने हक के लिए लड़ रहे थे या फिर छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए आवाज़ उठा रहे थे इन सभी लोगों के जरिए महेश तिवारी ने 6 अप्रैल 1992 को सर्वदली मंच का निर्माण किए अब यहां से छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण एक आंदोलन का रूप ले चुकी थी

इसी के अगले साल 5 नवंबर 1993 को सर्वदलीय मंच के द्वारा छत्तीसगढ़ महाबंद किया गया आसान भाषा में कहे तो छत्तीसगढ़ क्षेत्र में चारों तरफ स्ट्राइक किया गया इसे नाम दिया गया छत्तीसगढ़ महाबंद ।

सन 1994 में 4500 से भी ज्यादा लोग दिल्ली जाकर संसद के सामने धरना प्रदर्शन करने लगे जिसके कारण छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण को लेकर सरकार एक्शन लेने पर मजबूर हो गई 4 मार्च 1994 को गोपाल परमार के द्वारा छत्तीसगढ़ स्टेट रेजोल्यूशन प्रस्ताव किया गया

9 अप्रैल 1995 को आजाद छत्तीसगढ़ फौजी अखंड धरना के रूप में प्रदर्शन किए और उसके 2 साल बाद सन 1998 में फिर से संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया इस समय छत्तीसगढ़ क्षेत्र के लोग चारों तरफ रैली निकालने लगे जिसके कारण मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा रीऑर्गेनाइजेशन बिल लाया गया ।

इस साल 1998 में लोकसभा चुनाव होना था चुनाव के दौरान सप्रेसाला मैदान रायपुर में अटल बिहारी वाजपेई अपने भाषण के में बोले " आप मुझे 11 सांसद दो मैं तुम्हें छत्तीसगढ़ दूंगा " इसके बाद छत्तीसगढ़ क्षेत्र के लोग बढ़-चढ़कर बीजेपी को वोट दिए और केंद्र में भाजपा के सरकार बन गई इस तरह से अटल बिहारी वाजपेई भारत के प्रधानमंत्री बन गए । अटल बिहारी के प्रधानमंत्री बनने के लगभग 1 साल बाद 31 जुलाई सन 2000 को राज्यसभा में और 9 अगस्त सन 2000 को मध्य प्रदेश रिऑर्गेनाइजेशन बिल पास किया गया । 28 अगस्त सन 2000 को राष्ट्रपति K.R. Narayana के द्वारा मध्य प्रदेश रोर ऑर्गेनाइजेशन एक्ट लागू किया गया, इस तरह से 1 नवंबर सन 2000 को तीन संभाग 16 जिला 96 तहसील 140 ब्लॉक के साथ भारत का 26 वन नया राज्य बनाया गया छत्तीसगढ़

दोस्तों उम्मीद है यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी बहुत-बहुत धन्यवाद 







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